मौर्य वंश का संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य था।
चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ईसवी पूर्व में हुआ था।
घनानंद को हराने में चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य की मदद की थी जो बाद में चंद्रगुप्त के प्रधानमंत्री बने।
चाणक्य द्वारा लिखित पुस्तक अर्थशास्त्र है जिसका संबंध राजनीतिक से है।
चंद्रगुप्त मगध की राजगद्दी पर 322 ईसवी पूर्व में बैठा। चंद्रगुप्त जैन धर्म का अनुयाई था। चंद्रगुप्त ने अपना अंतिम समय कर्नाटक के श्रवणबेलगोला नामक स्थान में बिताया।
चंद्रगुप्त ने 305 ईसवी पूर्व में सेल्यूकस निकेटर को हराया ।
सेल्यूकस निकेटर ने अपनी पुत्री कार्नेलिया की सादी चंद्रगुप्त के साथ कर दी और युद्ध की शांति की शर्तों के अनुसार चार प्रांत काबुल कंधार हेरात एवं मकरान चंद्रगुप्त को दे दिए ।
चंद्रगुप्त मौर्य जैनी गुरु भद्रबाहु से जैन धर्म की दीक्षा ली थी ।
मेगास्थनीज सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था जो चंद्रगुप्त के दरबार में रहता था।
मेगास्तनीज द्वारा लिखी गई पुस्तक इंडिका है ।
चंद्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस के बीच हुए युद्ध का वर्णन एप्पियानस में किया गया है ।
प्लूटार्क के अनुसार चन्द्रगुप्त ने सेल्यूकस को 500 हाथी उपहार में दिए थे ।चंद्रगुप्त मौर्य की मृत्यु 298 में श्रवणबेलगोला में उपवास के द्वारा हुई
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